अगर व्यक्ति तरो-ताजा महसूस करना करना चाहता है | तो सबसे बेस्ट तरीका यही है कि उसे नहाना चाहिए | नहाने से व्यक्ति कि थकान मिट जाती है और वो बहुत ही अच्छा महसूस करता है | हमारे दैनिक कार्यो मैं नहाना बहुत ही महत्तपूर्ण काम है और हम घर से बिना नहाये निकलते भी नहीं है | व्यक्ति दिन मैं एक बार तो कम से कम नहाता ही है | उसके अलावा दो या तीन बार भी नहा लेता है वो सिर्फ मौसम के ऊपर निर्भर करता है | क्या आपने कभी सोचा है | अगर आपके नहाने का तरीका सही नहीं हुआ तो आप को ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी बीमारी हो सकती है |
आपने अक्सर कई बार ये देखा होगा कि बच्चे नहाते वक़्त रोते है कांपते है | बच्चो का चेहरा लाल हो जाता है | और जब बुजुर्ग नहाते है तो उनको अक्सर साँस लेने मैं प्रॉब्लम महसूस करते देखा होगा | आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है | क्या ये नहाने का तरीका गलत है तो सही तरीका क्या है | अगर आप गलत तरीको से नहाते है तो आपको ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक हो सकता है आईये जानते है इसकी मुख्य वजह क्या है ?
हम अक्सर नहाते वक़्त शावर के नीचे खड़े हो जाते है या फिर बाल्टी के पाने को अपने सिर के ऊपर उड़ेल लेते है | ये गलत है है | हमें नहाना हमेशा नीचे से स्टार्ट करना चाहिए क्योंकि हमारे शरीर मैं खून का प्रवाह ऊपर से नीचे कि और होता है और जब हम शावर के नीचे या ठंडा पानी उड़ेल कर नहाते है तो हमारे हमारे शरीर कि रक्त नलिकाएं सिकुड़ने लगती है,रक्त का थक्का जमने लग जाता है और रक्त का संचार पूर्ण रूप से नहीं हो पाता है जिससे कि ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक आने आ खतरा बढ़ जाता है |
बाथरूम मैं आराम से बैठकर नहाना पैर पंजो से स्टार्ट करना चाहिए और पंजो को मसलते हुए धीरे धीरे घुटनो, कमर तक बढ़ना चाहिए और फिर शरीर को मसलते हुई कंदो पर पानी डालना चाहिए उसके बाद सिर पर पानी डालना चाहिए आराम से ऐसे नहाने से बॉडी गरम हो जाती है और खून का संचार सही ढंग से होता है और किसी भी तरह का कोई खतरा भी नहीं होता है |